राष्ट्रीय अभिलेखागार

राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत सरकार के स्थायी मूल्य के अभिलेखों का संरक्षक है। 11 मार्च 1891 को कलकत्ता (कोलकाता) में शाही अभिलेख विभाग(इम्पीरियल अभिलेख्स डिपार्टमेंट) के रूप में स्थापित, राष्ट्रीय अभिलेखागार स्थायी मूल्य के अभिलेखों का संरक्षक है। यह दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा अभिलेखीय भंडार है। इसमें अभिलेखों का एक विशाल कोष है, जैसे सार्वजनिक अभिलेख, निजी कागजात, प्राच्य अभिलेख, कार्टोग्राफिक अभिलेख और माइक्रोफिल्म, जो विद्वानों/प्रशासकों और अभिलेखागार के अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए जानकारी का एक अमूल्य स्रोत है। विभाग के प्रमुख महानिदेशक अभिलेखागार को लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 और उसके तहत बनाए गए नियमों के कार्यान्वयन के लिए अधिदेश दिया गया है

 

विभाग का नेतृत्व कर रहे अभिलेखागार महानिदेशक को केन्द्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि में सार्वजनिक अभिलेखों के प्रबंधन, प्रशासन और परिरक्षण के लिए लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों, सार्वजनिक अभिलेख नियम, 1997 के कार्यान्वयन का अधिदेश दिया गया है। वर्तमान में यह संस्कृति मंत्रालय का एक अधिनस्थ कार्यालय है तथा इसका एक क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल में व तीन अभिलेख केन्द्र भुनवेश्वर, जयपुर एवं पुडुचेरी में है। विभाग ने 2015-16 के दौरान अपनी स्थापना का 125वां वर्ष मनाया।

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