- राष्ट्रीय अभिलेखागार निवारक, उपचारात्मक तथा पुनरुद्धारक प्रक्रियाओं के जरिए अपनी अभिरक्षा में स्थित दस्तावेजों की दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है।
- विभाग में संरक्षण अनुसंधान प्रयोगशाला है जिसे 1941 में स्थापित किया गया था। अपनी स्थापना के बाद से, यह बहाली के लिए स्वदेशी तकनीक विकसित करने, बहाली और भंडारण के लिए आवश्यक सामग्रियों के परीक्षण जैसे अनुसंधान और विकास कार्यों में लगा हुआ है। प्रयोगशाला विभिन्न प्रकार की परिरक्षक सामग्री की जांच की सुविधा के लिए पेपर परीक्षण मशीनों के नवीनतम मॉडल जैसे तन्यता परीक्षक, फोल्डिंग एंड्योरेंस परीक्षक और बर्स्टिंग एंड्योरेंस परीक्षक आदि से लैस है। सेल्यूलोज एसिलेट फॉइल और टिशू पेपर की मदद से दस्तावेजों की मरम्मत और कायाकल्प करने की एक अनूठी प्रक्रिया जिसे दुनिया भर में सॉल्वेंट या हैंड लैमिनेशन प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है, विभाग द्वारा आविष्कार किया गया है।
- प्रयोगशाला दीर्घायु अथवा लोचशीलता नष्ट होने के कारण सूखे टूटे भोजपात्रों को नवजीवन देने की प्रक्रिया तैयार करने से सफल रही है।
- अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि एक पोर्टेबल थर्मोस्टैटिकली कंट्रोलर एयरटाइट वॉल्ट बनाना रही है जो एक बहुकार्य चैम्बर है और जिसे स्टेरिलाइजेशन, वेपर फेज डी-एसिडीफिकेशन और दस्तावेज, पुस्तकें तथा अन्य सामग्री सुखाने में प्रयुक्त किया जा सकता है।