जिन अभिलेखों की मरम्मत और पुनरूद्धार किया जाना होता है उन्हें दो श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है। जो अभिलेख खराब स्थिति में हैं, उन्हें छोटे-मोटे मरम्मत की आवश्यकता होती है और जो अभिलेख प्रतिकूल पर्यावरण स्थिति के कारण खराब हो गए हो और भुरभुरे और नाजुक हो, को बड़े मरममत की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय अभिलेखागार में मरम्मत की कई तकनीकें मौजूद हैं और अभिलेखों की स्थितियों के अनुसार मरम्मत के प्रकार का चयन किया जा सकता है। संरक्षण के कुछ पुनरूद्धार पहलुओं में टिश्यू मरम्मत, फुल पेस्टिंग, लेमिनेशन, डॉकेटिंग और बाइंडिंग इत्यादि शामिल हैं।
पुनरूद्धार संरक्षण जिसे दस्तावेज को नवजीवन देने के लिए प्रयुक्त किया जाता है, का स्वरूप अभिलेख की भौतिक अवस्था पर निर्भर है तथा राष्ट्रीय अभिलेखागार में की जा रही सभी उपर्युक्त प्रक्रियाओं में प्रत्येक सामग्री के लिए निर्धारित अभिलेखीय विशिष्टता के अनुसार इन प्रक्रियाओं के करने के लिए प्रयोग की जाने वाली परिरक्षण सामग्री की उच्च गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना है।
संरक्षण अनुसंधान प्रयोगशाला :
राष्ट्रीय अभिलोखागार निवारक, उपचारात्मक तथा पुनरुद्धारक प्रक्रियाओं के जरिए अपनी अभिरक्ष में स्थित दस्तावेजों की दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। विभाग में एक संरक्षण अनुसंधान प्रयोगशाला है जिसे 1941 में स्थापित किया गया था। इसमें पुनरुद्धार और भंडारण के लिए जरूरी जांच सामग्री के लिए स्वदेशी तकनीक के विकास जैसे अनुसंधान और विकास का कार्य किया जाता है। प्रयोगशाला में विभिन्न प्रकार की परिरक्षण सामग्री की जांच करने के लिए नवीनतम पेपर टेस्टिंग मशीन यथा टेन्सिल टेस्टर, फोल्डिंग एंडयूरेन्स टेस्टर और बर्स्टिंग एंडयूरेन्स टेस्टर इत्यादि उपलब्ध है। सेल्यूलोज एसिलेट फॉयल और टिश्यू पेपर की मदद से दस्तावेजों के मरम्मत और पुनरूद्धार की अनोखी प्रक्रिया जिसे दुनिया भर में साल्वेट अथवा हैंड लैमिनेशन प्रक्रिया कहा जाता है, का अविष्कार इस विभाग द्वारा किया गया है। प्रयोगशाला दीर्घायु अथवा लोचशीलता नष्ट होने के कारण सूखे टूटे भोजपत्रों को नवजीवन देने की प्रक्रिया तैयार करने से सफल रही है। अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि एक पोर्टेबल थर्मोस्टैटिकली कंट्रोलर एयरटाइट वॉल्ट बनाना रही है जो एक बहुकार्य चैम्बर है और जिसे स्टेरिलाइजेशन, वेपर फेज डी-एसिडीफिकेशन और दस्तावेज, पुस्तकें तथा अन्य सामग्री सूखाने में प्रयुक्त किया जा सकता है।