भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने और उन्हें जनता के लिए सुलभ बनाने का फैसला किया था। इसकी घोषणा भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 14 अक्टूबर 2015 को की गई थी जब उन्होंने नई दिल्ली में अपने निवास पर नेताजी परिवार के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। सार्वजनिक की गई 33 फाइलों की पहली खेप प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने 4 दिसंबर 2015 को राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंपी थी। इसके बाद नेताजी से जुड़ी सार्वजनिक की गई फाइलों को गृह मंत्रालय से 37 फाइलें, विदेश मंत्रालय से और 25 फाइलें पीएमओ से स्थानांतरित कर दी गईं। पहले चरण के रूप में, नेताजी से संबंधित 100 फाइलों की डिजिटल प्रतियां 23 जनवरी 2016 को भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक डोमेन में जारी की गई थीं ताकि इन फाइलों तक पहुंचने की लंबे समय से चली आ रही जनता की मांग को पूरा किया जा सके। इन फाइलों ने अध्येताओं को नेताजी पर आगे शोध करने की सुविधा भी प्रदान करना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय अभिलेखागार ने बाद में 29 मार्च 2016 और 27 अप्रैल 2016 को दो बैचों में नेताजी से संबंधित 75 अवर्गीकृत फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक डोमेन में जारी कीं। 25 फाइलों के चौथे बैच में पीएमओ की 5 फाइलें, गृह मंत्रालय की 4 फाइलें और 1968-2008 से संबंधित विदेश मंत्रालय की 16 फाइलें शामिल हैं।