भारत का राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत सरकार के सभी 'लोक' अभिलेखों का संरक्षक है और 'प्रामाणिक' अनुसंधान के उपयोग के लिए उपलब्ध है। राष्ट्रीय अभिलेखागार में अभिलेख तक पहुंच लोक अभिलेख नियम, 1997 के प्रावधानों द्वारा शासित है।
अभिलेखों से परामर्श करने के लिए भारतीय और विदेशी अध्यताओं /शोधकर्ताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया : - भारतीय शोधकर्ताओं को अपने प्रायोजक विश्वविद्यालय/संस्थान से परिचय पत्र प्रस्तुत करना होता है और विदेशी राष्ट्रिकों को अपने प्रायोजक विश्वविद्यालय/संस्थान से परिचय पत्र के अतिरिक्त अपने राजनयिक मिशन से परिचय पत्र प्रस्तुत करना होता है। शोधकर्ता नामांकन के समय भरे जाने वाले निर्धारित आवेदन प्रारूप (प्रपत्र - 8) ( आकार - 275.87 KB, भाषा - अंग्रेजी, प्रारूप - पीडीएफ ) में अभिलेख से परामर्श करने की अनुमति मांग सकते हैं। राष्ट्रीय अभिलेखागार भवन परिसर तक आसान पहुंच के लिए, शोधकर्ताओं को एक पहचान प्रमाण ले जाने की सलाह दी जाती है।